Hindi Poem – फिर से !!!!!!
फिर से ,फिर से ,आज फिर से; छलनी हुआ देश का सीना फिर से; रक्त लारियों से …
फिर से ,फिर से ,आज फिर से; छलनी हुआ देश का सीना फिर से; रक्त लारियों से …
Hindi Poem – कौन है वो ससी आभा युक्त कनक मुख; देंख क्यो दिल हर्षाता है; क्यों…
आम युवा का ज्वार – Hindi Poem कौन हूँ मै ? शायद जबाब ना मिले ,सिर्फ मुझे ही नही ,मुल्क के तमाम युवा को भी शायद जबाब…