गणतंत्र दिवस भारत
गणतंत्र दिवस भारत का सबसे महत्वपूर्ण राष्ट्रीय त्योहारों में से एक है | यह दिन हर भारतीय के लिए बहुत खास होता है और यह धूमधाम के साथ देश भर में मनाया जाता है। 26 जनवरी हर साल इसलिए मनाया जाता है की इसी दिन 26 जनवरी, 1950 को भारत का संविधान लागु हुआ था और हमारा देश एक प्रजातान्त्रिक गणतंत्र देश बना था।
गणतंत्र दिवस का इतिहास
भारत में स्वतंत्रता दिवस अंग्रजों के शासन से भारत की आजादी की खुशी में मनाया जाता है, और गणतंत्र दिवस संविधान को लागू करने के लिये मनाया जाता है। गणतन्त्र दिवस भारत का एक अतिप्रमुख राष्ट्रीय पर्व है जो हर वर्ष 26 जनवरी को मनाया जाता है। 26 जनवरी को इसलिए भारत का संविधान लागु हुआ था क्योंकि 1930 में इसी दिन भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने भारत को पूर्ण स्वराज घोषित किया था। गणतन्त्र दिवस हमारे देश के तीन प्रमुख राष्ट्रीय अवकाशों में से एक है (1. स्वतंत्रता दिवस 2. गणतन्त्र दिवस और 3. गांधी जयंती )
साल 1950 में भारत सरकार अधिनियम (एक्ट 1935) हटाकर भारत का संविधान लागू हुआ था। भारत को एक स्वतंत्र गणराज्य बनाने और देश में कानून का राज स्थापित करने के लिए हमारे संविधान को 26 नवम्बर 1949 को संविधान सभा द्वारा अपनाया गया था और 26 जनवरी 1950 को इसे एक लोकतांत्रिक प्रणाली के साथ लागू किया गया था।
गणतंत्र दिवस का महत्व
हमारे देश का संविधान विश्व का सबसे बड़ा लिखित संविधान है। संविधान को लिखने में 2 साल 11 महीने और 18 दिन का समय लगा था। बाबा साहेब आंबेडकर को भारत का संविधान निर्माता भी कहा जाता है क्योंकी उनका संविधान बनाने की प्रक्रिया में बहुत बड़ा योगदान था।
गणतंत्र दिवस का हमारे देश के इतिहास में बहुत महत्वपूर्ण स्थान है क्योंकि भारत को अंग्रेजी हुकूमत से आजादी, स्वतंत्रता सेनानियों के बहुत लम्बे संघर्ष के बाद मिली और फिर उसके बाद भारत का संविधान बना। गणतंत्र दिवस को अंग्रेजी में Republic Day कहते है।
हमारा देश भारत एक गणतंत्र देश है और यहाँ लोकतंत्र है यानि की हम देशवासियों को अपने प्रतिनिधियों को राजनीतिक नेता के रूप में चुनने का अधिकार है। भारत के संविधान में नागरिकों के अधिकार, कर्तव्यों, नियम और कानून का उल्लेख है। भारत देश के सरकार , न्यायपालिका और नागरिक, सभी के अधिकार और कर्तव्यों का संविधान में विस्तार से उल्लेख है। हमारा विश्व का सबसे बड़ा लिखित संविधान है।

26_जनवरी_गणतंत्र_दिवस
गणतंत्र दिवस उत्सव
यह त्यौहार पुरे देश में अति उत्साह और गर्व के साथ मनाया जाता है। इस दिन को पूरे देश में सरकार द्वारा राजपत्रित अवकाश के रुप में घोषित अवकाश होता है।
गणतंत्र दिवस का मुख्य उत्सव भारत की राजधानी दिल्ली के राजपथ पर मनाया जाता है। गणतंत्र दिवस को अधिकारिक तोर से भारत के राष्ट्रपति के उपस्थिति में राजधानी नयी दिल्ली के राजपथ पर मनाया जाता है।
राष्ट्रपति द्वारा देश के राष्ट्रीय झंडे को फहराने के बाद उत्सव मनाया जाता है। फिर परेड कर के राष्ट्रपति को सेना की सलामी दी जाती है। उसके राजपथ पर सैनिकों के द्वारा उत्कृष्ट परेड और कलाबाजियां दिखाई जाती है और विभिन्न राज्यों तथा संस्थावों द्वारा बिभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है।
गणतंत्र दिवस पेरेड
हर साल मुख्य परेड राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली में होती है। इस परेड का आयोजन रक्षा मंत्रालय द्वारा आयोजित किया जाता है। परेड राजपथ में राष्ट्रपति आवास, रायसीना हिल (राष्ट्रपति भवन) के गेट से शुरू होती है और यह इंडिया गेट से होकर गुजरती है।
गणतंत्र दिवस परेड आगंतुकों के लिए मुख्य आकर्षण होता है। यह परेड भारतीय रक्षा क्षमताओं और भारत की सांस्कृतिक और सामाजिक विरासत को दर्शाती है।
गणतंत्र दिवस के लिए बीटिंग रिट्रीट
बीटिंग रिट्रीट समारोह आधिकारिक तौर पर रिपब्लिकन दिवस समारोह के अंत को दिखाने के लिए होता है। यह गणतंत्र दिवस के तीसरे दिन 29 जनवरी को किया जाता है। यह तीन सैन्य विंगों, भारतीय सेना, भारतीय नौसेना और भारतीय वायु सेना के रिबन द्वारा किया जाता है।
इस समारोह के मुख्य अतिथि भारत के राष्ट्रपति होते हैं जो एक घुड़सवार सेना इकाई, प्रेसिडेंशियल गार्ड्स द्वारा समारोह स्थल तक एस्कॉर्ट किए जाते है। राष्ट्रपति के आने के बाद समारोह शुरू किया जाता है। सैन्य यूनिट द्वारा सैल्यूट करने के बाद सेना कर्मियों द्वारा भारतीय राष्ट्रीय गान “जन गण मन” का भव्य गायन किया जाता है। अन्य कई आयोजन के बाद राष्ट्रपति महोदय के वापस जाने के साथ ही समारोह के आयोजन की समाप्ति की जाती है।
पुरस्कार समारोह गणतंत्र दिवस
हर साल गणतंत्र दिवस की शाम को, भारत के राष्ट्रपति भारतीय नागरिकों को नागरिक पुरस्कार वितरित करते हैं। पुरस्कार समारोह का मुख्य आकर्षण पद्म पुरस्कार है। भारत रत्न के बाद यह भारत में दूसरा सबसे बड़ा नागरिक पुरस्कार है। यह पुरस्कार तीन श्रेणियों में दिया जाता है, अर्थात्। पद्म विभूषण, पद्म भूषण और पद्मश्री।
भारतीय राज्यों में गणतंत्र दिवस पर्व उत्सव
प्रत्येक राज्य में गणतंत्र दिवस को मुख्य रूप से इसी तरह के कार्यकर्म का आयोजन राज्य की तरफ से किया जाता है। राज्य की राजधानी में मुख्य रूप से राष्ट्रीय झंडे को फहराने के बाद उत्सव शुरू होता है फिर पुलिस बल की सलामी ली जाती है। उसके बाद सैनिकों तथा पुलिस बल के द्वारा उत्कृष्ट परेड और कलाबाजियां दिखाई जाती है, फिर बिभिन्न संस्थावों द्वारा बिभिन्य सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है।
भारत तथा राज्य सरकार के साथ साथ सभी देशवासी अपने अपने जगह पर भी इस दिन को उत्साह के साथ और गर्व के साथ मनाते है।
देश भर के सरकारी कार्यालय और सभी प्रकार के स्कूल, कॉलेज, विश्वविद्यालय और दूसरे शैक्षणिक संस्थानों के विद्यार्थियों और शिक्षकों के द्वारा गणतंत्र दिवस पूरे उत्साह के साथ मनाया जाता है और कई तरह के सांस्कृतिक कार्यकर्मो का आयोजन किया जाता है।
सरकार द्वारा सशस्त्र बलों, स्कूलों के विद्यार्थियों तथा आमजनों को कई तरह के राष्ट्रीय पुरस्कार और बहादुरी मेडल भी वितरित किये जाते हैं।
FAQ – गणतन्त्र दिवस पर अकसर पूछे जाने वाले सवाल
भारत का संविधान कब लागू हुआ था?
26 जनवरी, 1950 को भारत का संविधान लागु हुआ था और हमारा देश एक प्रजातान्त्रिक गणतंत्र देश बना था।
भारत के संविधान को लिखने में कितना समय लगा ?
भारत के संविधान को लिखने में 2 साल 11 महीने और 18 दिन का समय लगा था।
भारत का प्रथम गणतंत्र दिवस कब मनाया गया ?
भारत का प्रथम गणतंत्र दिवस 26 जनवरी 1950 को मनाया गया था।
भारत के प्रथम गणतंत्र दिवस पर भारत के राष्ट्रपति कौन थे ?
भारत के पहले गणतंत्र दिवस पर भारत के राष्ट्रपति डॉक्टर राजेन्द्र प्रसाद थे। भारत के संविधान के लागू होने के बाद डॉ राजेन्द्र प्रसाद ने भारत के राष्ट्रपति पद और गोपनीयता की शपथ ली और फिर भारत के राष्ट्रीय ध्वज को फहराया था।
गणतंत्र दिवस 26 जनवरी को ही क्यों मनाया जाता है?
वर्ष 1950 में भारत सरकार अधिनियम (एक्ट 1935) हटाकर भारत का संविधान लागू हुआ था। भारत को एक स्वतंत्र गणराज्य बनाने और देश में कानून का राज स्थापित करने के लिए हमारे संविधान को 26 नवम्बर 1949 को संविधान सभा द्वारा अपनाया गया था और 26 जनवरी 1950 को इसे एक लोकतांत्रिक प्रणाली के साथ लागू किया गया था। इसलिए हर साल 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस मनाया जाता है।
गणतंत्र दिवस को वर्ष 2022 में कितने साल हुए ?
वर्ष 2022 मे 73 वां गणतंत्र दिवस मनाया जा रहा है।
26 जनवरी 2022 के मुख्य अतिथि कौन होंगे ?
समाचार पत्रों के अनुसार covid के तीसरे लहर के खतरे को देखते हुए भारत सरकार ने किसी भी विदेशी मेहमान को इस साल गणतंत्र दिवस के अवसर पर नहीं आमंत्रित करने का निर्णय लिए है।
इस साल 26 जनवरी को बिल्कुल ही सीमित संख्या में आगंतुकों को पेरेड ग्राउन्ड में सम्मिलित होने की अनुमति जी जाएगी।
अतिथि के तौर पर सामान्य जन जीवन से जुड़े हुए कुछ स्थानीय लोगों को आमंत्रित किया जा रहा है।
Wish you all a very Happy Republic Day….. Jai Hind Jai Bharat
आप सभी को गणतन्त्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं ….जय हिन्द जय भारत

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