बाबू वीर कुँवर सिंह
वीर कुँवर सिंह जी का जन्म 1777 में भोजपुर जिले ( बिहार ) में हुआ था | कुंवर सिंह जी बाबू साहबजादा सिंह जी के पुत्र थे | कुंवर सिंह जी महाराजा भोज के वंशज थे | कुँवर सिंह जी भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के सिपाही और महानायक थे | इनको बहुत आदर के साथ देखा जाता था काफी रसूखदार थे | ये कई नाम प्रचलित है जैसे वीर कुँवर सिंह, बाबु वीर कुँवर सिंह, बाबु कुँवर सिंह |

Babu Veer Kunwar Singh 1857 Freedom Figher
ऐसा माना जाता है की बाबू कुंवर सिंह जिला शाहाबाद में स्थित कई सारे अतिआमिर जागीरों के मालिक थे | कुंवर सिंह जी अपने गांववासियों में काफी लोकप्रिय थे | उनके कई ब्रिटिश अधिकारी भी मित्र रह चुके थे | लेकिन उनके लिए दोस्ती और जान-पहचान अपने जगह थी देशभक्ति अपनी जगह |
भारतीय स्वतंत्रता के प्रथम संग्राम में इनको 80 वर्ष की उम्र में भी लड़ने तथा विजय हासिल करने के लिए जाना जाता है। 80 वर्ष की उम्र में भी इन्होने अंग्रेजो को लोहे के चने चबा दिए थे |
1857 के बिद्रोह में कुंवर सिंह ने बिहार में विद्रोह का नेतृत्व किया। बाबू कुंवर सिंह ने भारतीय सैनिकों का नेतृत्व किया। अंग्रेजों को भारत से भगाने के लिए हिंदू और मुसलमानों ने मिलकर कदम बढ़ाया। 27 अप्रैल 1857 को दानापुर के सिपाहियों, भोजपुरी जवानों और अन्य साथियों के साथ आरा नगर पर बाबू वीर कुंवर सिंह ने कब्जा कर लिया। अंग्रेजों की लाख कोशिशों के बाद भी भोजपुर लंबे समय तक स्वतंत्र रहा। जब अंग्रेजी फौज ने आरा पर हमला करने की कोशिश की तो बीबीगंज और बिहिया के जंगलों में घमासान लड़ाई हुई।

वीर कुँवर सिंह जी
अपनी आखिरी लड़ाई इन्होंने 23 अप्रैल 1858 में, जगदीशपुर के पास लड़ी। ईस्ट इंडिया कंपनी के भाड़े के सैनिकों को इन्होंने पूरी तरह खदेड़ दिया। उन्होंने ब्रिटिश सेना के खिलाफ बहादुरी से लड़ाई लड़ी और अपनी सेना की मदद से ब्रिटिश सेना को हटा दिया | उस दिन बुरी तरह घायल होने पर भी इस महान सपूत ने जगदीशपुर किले से गोरे पिस्सुओं का “यूनियन जैक” नाम का झंडा उतार कर ही दम लिया। वहाँ से अपने किले में लौटने के बाद 26 अप्रैल 1858 को इन्होंने वीरगति पाई। ( हालाँकि कई जगह इनके वीरगति के बारे में 23 अप्रैल, कही 24 अप्रैल और कही कही तो 25 अप्रैल भी लिखा गया है | सही कोन सी तारीख है ये इतिहास में छुपा है | हम असमर्थ है अभी सटीक जानकारी पाने में )
जरूर पढ़ें – मंगल पाण्डेय The Great Freedom Fighter
भारत की आजादी के आंदोलन में वीर कुँवर सिंह के योगदान के लिए सरकार ने 23 अप्रैल 1 9 66 को एक स्मारक डाक टिकट जारी किया। बिहार में भी बिहार सरकार ने वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय की स्थापना की आरा जिले में सन 1992 में ।
ऐसे सच्चे भारत माँ के सपूत वीर कुँवर सिंह जी को सादर नमन | जय हिन्द |
Ye hum parmaro ke shan the.. jai hind
Jai Hind
Very motivated and thankful to heroes of our country.. blessed thank you
Thanku Leena ji.. jai hind