रेत और पत्थर – हिंदी में प्रेरक कहानी

लाइफ में कई बार ऐसा होता है जब कोई हमारा अपना हमारे साथ कुछ गलत व्यवहार करता है और हम उस बात हो दिल से लगा के बैठे रहते है। भले ही वो हमारा मित्र या रिश्तेदार हमेशा हमारे लिए अच्छा करे पर उसका किया हुआ एक गलत व्यबहार हमारे दिल में जमी रहती है और हम मन ही मन में उस एक बात के लिए कुंठित होते रहते है और कई बार तो मौका मिलने पर उस बात के लिए वेसा ही व्यवहार करते है। चलिए एक प्रेरक हिंदी कहानी पढ़ते है इसी के ऊपर ।

दो दोस्त रेगिस्तान में कही जा रहें थे । रस्ते में एक जगह वो बैठे और उनमे बात होने लगी । अचानक किसी बात पर उनमे बहस होने लगी । बहस इतनी बढ़ गई कि एक दोस्त ने दूसरे दोस्त को थप्पड़ मार दिया। थप्पड़ खाने वाले दोस्त को इससे बहुत बुरा लगा लेकिन बिना कुछ कहे उसने रेत पर लिखा – “आज मेरे सबसे अच्छे दोस्त ने मुझे थप्पड़ मारा”।

फिर वे थोड़ी देर के बाद आगे बढने लगे । चलते से वे एक नदी के किनारे पहुंचे । वहाँ उन्होंने नहाने का सोचा । जिस दोस्त ने थप्पड़ खाया था नहाते नहाते वो पानी के अन्दर दलदल में फंस गया और उसमें समाने लगा लेकिन तभी उसके दोस्त ने किनारे से अपने दो तीन कपड़ो को आपस में बांधकर एक रस्सी की तरह बनाकर उसकी तरफ खिंचा और अपने दोस्त को बचा लिया। जब थप्पर खाने वाला दोस्त दलदल से सही-सलामत बाहर आ गया तब उसने एक पत्थर पर लिखा – “आज मेरे सबसे अच्छे दोस्त ने मेरी जान बचाई”।

उसे थप्पड़ मारने और बाद में बचाने वाले दोस्त ये सब देखकर उससे पूछ बैठा – “जब मैंने तुम्हें मारा तब तुमने रेत पर लिखा और जब मैंने तुम्हें बचाया तब तुमने पत्थर पर लिखा, ऐसा क्यों?”

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उसके दोस्त ने कहा – जब हमें कोई दुःख दे तब हमें उसे रेत पर लिख देना चाहिए ताकि हवाएं आकर उसे मिटा दें। लेकिन जब कोई हमारा कुछ भला करे तब हमें उसे पत्थर पर लिख देना चाहिए ताकि वह हमेशा के लिए लिखा रह जाए।

हमे अपने जीवन में भी अपने मन की दीबारो पर इसी तरह बुरे वाकये को रेत पर और किसी के किये हुए भलाई और सहायता को पत्थर की तरह याद रखना चाहिए।

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रेत और पत्थर-हिंदी में प्रेरक कहानी -मोटिवेशन-दोस्ती

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