कल्पना चावला

भारत की प्रथम महिला अंतरिक्ष यात्री कल्पना चावला का जन्म 1 जुलाई,1961 को हरियाणा करनाल शहर मे एक व्यापारी परिवार हुआ|  उन्होंने करनाल के ‘टैगोर बाल निकेतन’ स्कूल मे शिक्षा ग्रहण की| उनके पिता चाहते थे की वे चिकित्सक बने लेकिन कल्पना की  बचपन से कल्पना की कल्पना थी अंतरिक्ष मे घुमने की थी|उन्हें नृत और गायन मे भी रूचि थी| वे अपना सभी कार्य पूरी लगन और निष्ठा से करती थी| उन्होंने सन 1982 मे पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज से वैमानिकी अभियांत्रिकी मे स्नातक की डिग्री प्राप्त की| सन 1984 मे उन्होंने टेक्सास विश्वविद्यालय से स्नातकोत्तर की डिग्री हासिल की| उन्होंने ‘नासा’ में कई प्रकार के शोध कार्य किया| फिर कैलिफोर्निया की एक कंपनी मे उपाध्यक्ष और शोध वैज्ञानिक के रूप मे काम किया|

सन 1994 मे उन्हें अंतरिक्ष प्रशिक्षण के लिए चुना गया और कठिन प्रशिक्षण के बाद वे यात्रा पर गयी| अंतरिक्ष मे 376 घंटेरहने के बाद वे वापस आई |

19 जनवरी,2003 को दूसरीबार अंतरिक्ष मे जाने का अवसर प्राप्त हुआ| इसके साथ 6 अन्य वैज्ञानिक भी थे | उन्होंने मानव शारीर मे कैंसर को शिकाओ का विकास और भारहीनता के स्थिति मे विभिन्न जीवानुओ मे होने वाले प्रतिक्रियाओ के बारे मे सफल शोध किया| इसकी खबर पाते ही भारत मे ख़ुशी की लहर दौर पड़ी |

दुनिया भर के लोग टीवी पर कोलंबिया नामक अंतरिक्ष यान को धरती के कक्ष मे प्रवेश करते हुए देख रहे थे , उनमे बैठे यात्रियों के हृदय उमंग से भरे थे की अचानक अंतरिक्ष यान के टुकरे हो गये| पलभर मे हर्ष शोक मे बदल गया |कल्पना चावला सहित  अंतरिक्ष यात्री पृथ्वी पर उतरने से कुछ मिनट पहले ही अंतरिक्ष मे समा गए| कल्पना के वचन सत्य हुए “मै अंतरिक्ष के लिए ही बनी हूँ| प्रत्येक पल अंतरिक्ष के लिए ही बिताया है इसी के लिए मरूंगी “|

कल्पना की उपलब्धियों और शोधो ने विश्वभर में भारत का नाम उज्ज्वल कर दिया