ॐ नमः शिवाय – भगवान शिव पर कविता। दोस्तों इस पोस्ट मे भगवान भोले शंकर पर एक बहुत ही सुंदर सी कविता प्रस्तुत की गई है। आशा है आपको जरूर पसंद आएगी। ॐ नमः शिवाय

ॐ नमः शिवाय - भगवान शिव पर कविता

ॐ नमः शिवाय – भगवान शिव पर कविता

ॐ नमः शिवाय

चंद्र बना है ताज जिनका
जट्टावो से बहती गंगा धारा

सजाये गले में सर्पो की माला
पीया जिन्होंने विष का प्याला

बाघम्बर जिन्होंने धारण किया
डमरू के जो ताल बजाये

अर्धांगिनी जिनकी सती शीतला
है पुत्र जिनके कार्तिकेय गणेशा

भ्रमण करते जो शमशान गुफा
प्रिय सवारी जिनका बसहा

इस जग के जो कर्ता धर्ता
भोग लगाये भाँग धतुरा

शरीर पे जिनके भस्म रमा
जग जिनके त्रिनेत्र में समा

गले में जिनके रूद्र माला
अस्त्र जिनका त्रिशूल निराला

संरक्षण करते जो संगीत कला
हृदय है जिनका भोला भाला

आदि गुरू जिन्हें सबने माना
दानी रूप में जिन्हें पहचाना

धारण किये जो सन्यासी रूपा
सुर-असुर सबके ये देवा

सृष्टी संघारक भी ये दिखा
जब नटराज रूप उन्होंने धरा

कैलाश पर्वत पे धाम जिनका
अत्याचार रोकना काम जिनका

हैं ये देवो के देव ” महादेव ”
शम्भु शिव शंकर है नाम जिनका !!!

जय भोले नाथ

Om Namah Shivaya

Chandra bna h taaj jinka
jataaon se bahti ganga dhara

sajaaye gale me sarpon ki mala
piya jinhone vish ka pyala!!

baghambar jinhone dharan kiya
damru k jo taal bajaiyaa

ardhangni jinki sati shitla
hain putra jinke kartikey ganesha!!

bhraman karte jo samshan gufa
priya sawari jinka bashah

is jag k jo karta dharta
bhog lagaye bhang dhatoora!!

sharir pe jinke bhasm rma
jag jinke trinetra me sma

gale me jinke rudramala

astra inka trishul nirala!!

sanrakchan karte jo sangeet kalaa
hridya h jinka bhola bhala

aadi guru jinhe sab ne mana
dani rup me jinhe pahchana!!

dharan kiye jo sanyasi rupa
sur-asur sabke ye dewa

srishti sanhaarak v,yah dikha
jab natraaj rup unhone dhra!!

kailash parwat par dham jinka
atyachar rokna kam jinka

hain yah devon k dev ‘mahaadev’
sambhu siv sankar nam jinka!!!!!!

साभार

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