पहले सोचो और फिर करो – हिंदी कहानी

हमसभी ने बचपन में कौवे की ये कहानी जरुर पढ़ी होगी।  

एक गर्म दिन में एक प्यासा कौवा सभी क्षेत्रों में पानी की तलाश में घूम रहा था। लंबे समय से उसे कोई पानी नहीं मिला। वो बहुत कमजोर महसूस कर रहा था। उसकी लगभग सभी आशा खत्म होने ही वाली थी की तभी अचानक, उसने पेड़ के नीचे एक पानी के मटके को देखा।

वह तुरंत निचे उतर आया और अन्दर मटके में देखने लगा की पानी है या नहीं। उसने देखा की मटके की अन्दर पानी थी। वह अपनी चोच मटके में डाल के पानी पीने की कोशिश करने लगा। पर पानी तक नहीं पहुँच पाया क्योंकि मटके में पानी का स्तर काफी नीचे था ।

कुछ देर तक वो यूँही कोशिश करता रहा  फिर रुक गया क्योंकि उसे ये समझ आ गया की ऐसे मेहनत करने से पानी नहीं आने वाला। कुछ देर तक वो यूँही बैठकर सोचता रहा। अब उसने इधर उधर नजर दौराया। उसे वही पास में पत्थर के छोटे छोटे टुकड़े नजर आये। अब वो एक एक पत्थर का टुकड़ा उठा का मटके में डालने लगा। पत्थर का टुकड़ा डालते की पानी थोडा थोडा ऊपर आने लगा। ऐसे ही बस कुछ ही देर में पत्थर का टुकड़ा अन्दर भरते भरते पानी बिलकुल मटके में ऊपर आ गया। कौवा आराम से मटके पे बैठा और खूब मन से जी भर के पानी पी के उसने अपनी प्यास बुझायी। और फिर अपने रस्ते उड़ गया ।

देखें तस्वीरों में – शिवाजी महाराज के अनमोल वचन

दोस्तों जीवन में वैसे तो कुछ भी आसान नहीं है और हर सफलता  के लिए कड़ी मेहनत जरूरी है। अगर आपको भी सफलता चाहिए तो कड़ी मेहनत करनी पड़ेगी। परन्तु केवल कड़ी मेहनत आपको सफलता प्रदान नहीं करती है इसलिए किसी भी प्रयास से पहले आपको सोचने की ज़रूरत है जैसे उस कौवे ने सोचा। अगर हम सोच समझ कर दिमाग लगा कर मेहनत करेंगे तो सफलता जरुर मिलेगी।

तो आज से पहले सोचो और फिर करो । . जरुर बताएं कैसी लगी आपको पहले सोचो और फिर करो – हिंदी कहानी । थैंक्यू ।

पहले सोचो और फिर करो - हिंदी कहानी

पहले सोचो और फिर करो – हिंदी कहानी