सिख धर्म

भारतीय धर्मों में सिख धर्म का अपना एक पवित्र एवं अनुपम स्थान है। सिखों के प्रथम गुरु, गुरुनानक देव सिख धर्म के प्रवर्तक हैं। उन्होंने अपने समय के भारतीय समाज में व्याप्त कुप्रथाओं, अंधविश्वासों, जर्जर रूढ़ियों और पाखण्डों को दूर करते हुए जन-साधारण को धर्म के ठेकेदारों, पण्डों, पीरों आदि के चंगुल से मुक्त किया। उन्होंने प्रेम, सेवा, परिश्रम, परोपकार और भाई-चारे की दृढ़ नीव पर सिख धर्म की स्थापना की।

सिख धर्म

Sri Guru Nanak Dev

सिख धर्म के अनुसार जिस तरह हम प्रतिदिन खाना खाते हैं, सांस लेते हैं उसी तरह प्रतिदिन अपने गुरु या ईश्वर का स्मरण करना भी जरूरी है। सिख धर्म की विशिष्टता यह है कि सिख गुरुओं ने मनुष्य को उद्यम करते हुए जीवन जीने, कमाते हुए सुख प्राप्त करने और ध्यान करते हुए प्रभु की प्राप्ति करने की बात कही। उनका मानना था कि परिश्रम करनेवाला व्यक्ति सभी चिन्ताओं से मुक्त रहता है। गुरु नानक ने तो यहाँ तक कहा है कि जो व्यक्ति मेहनत करके कमाता है और उसमें कुछ दान-पुण्य करता है, वही सही मार्ग को पहचानता है।

गौरी सुखमनी (धार्मिक पुस्तक) में नर्म मार्ग के महत्व पर गुरु नानक जी का कथन है कि, “प्रभु का ध्यान करना सबसे महान कार्य है जिसके द्वारा अनगिनत लोग रिहाई या मोक्ष प्राप्त कर सकते हैं। भगवान का ध्यान कर भटके हुए मनुष्य अपनी प्यास और इच्छाओं को बुझा सकते हैं। ईश्वर की राह पर चलकर हम अंतर्यामी बन सकते हैं और अज्ञानता का अंधेरा दूर हो सकता है। इसके माध्यम से हमारे मन से मौत का भय दूर हो सकता है और हमारे सारे पाप धूल सकते हैं। जिस मन में सदा भगवान का वास हो उस मन से गंदगी भी दूर हो जाती है।

जरुर पढ़े – श्री गुरु नानक देव जी के प्रेरक कथन  ( Famous Quotes By Sri Guru Nanak Dev Ji )

सिख धर्म की शुरुआत ही आतम ज्ञान से होती है। आत्मा क्या है? कहा से आई है? वजूद क्यों है? करना क्या है इतिहादी रूहानियत के विशे सिख प्रचार द्वारा पढाये जाते हैं। आत्मा के विकार क्या हैं, कैसे विकार मुक्त हो। आत्मा स्वयम निरंकार की अंश है। इसका ज्ञान करवाते करवाते निरंकार का ज्ञान हो जाता है।

सिख धर्म के अनुसार नर्म मार्ग और सदैव भगवान का नाम लेने वाला जातक कभी गलत काम नहीं करता। जो प्रतिदिन मन से ईश्वर का ध्यान करते है , उसके मन में बुराई  पैदा ही नहीं हो सकती है। जो गलत काम नहीं करता वह अवश्य ही एक उज्ज्वल भविष्य की तरफ अग्रसर रहता है। इसलिए प्रतिदिन ईश्वर का ध्यान करना जरूरी है।

Quotes by Guru Nanak Dev

पुरे भारत में मनाया जाने वाला त्यौहार और खुशियों के आगमन के त्यौहार बैसाखी के बारे में पढने के लिए यहाँ क्लिक करें – बैशाखी Baishakhi