अपना कर्म करते रहो – हिंदी कहानी

हमे अपना करते रहना चाहिए। बिना इस बात से डरे की आगे क्या होगा। हाँ ये जरुर होना चाहिए की कोई काम शुरू करने से पहले हमे सोच समझ लेना चाहिए की जो हम कर रहे है वो सही है या नहीं । और एक बार जब हमने सोच समझ लिया और शुरू कर दिया तो फिर रुकना नहीं है । अपने आप पर अपने मेहनत पे भरोसा कर के आगे बढ़ते रहो । सफलता कदम चूमेगी । एक हिंदी स्टोरी शेयर कर रहा हूँ आपलोगों से ।

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बहुत पहले की बात है । एक बार एक गाँव में बहुत भयंकर सुखा पड़ा था ।  सारे लोग गाँव छोड़ छोड़ के जा रहे थे । उसी गाँव में एक किसान रहता था जो की अपने गाँव से बहुत प्रेम करता था । वो भी डर से अपने सामान बैलगाड़ी में रख के निकल पड़ा । वो बहुत अनमने मन से बैलगाड़ी में बैठा। पर रह रह के उसे गाँव में बिताये अपने बचपन, अपने प्यारे खेत याद आ रहे थे ।

आखिर में थोड़ी दूर जाने के बाद किसान से रहा न गया। वो रुक गया। उसने यही सोचा के में अपने गाँव को, अपने खेत को अकेला छोड़ के कैसे रह पाऊँगा। अब चाहे जो भी हो में अपने प्यार को छोड़ के कही नहीं जाऊँगा। यह निर्णय ले कर वो वापस बैलगाड़ी ले कर अपने गाँव लौट आया।

3-4 दिन तक वह इसी सोच में पड़ा रहा की इस सुखाड़ में वो जीवित केसे रहेगा। किसी तरह से वो अपने बचे हुए अनाज से जीवनयापन करने लगा और गाँव के सुख रहे कुआँ से पानी की जरुरत पूरी कर रहा था।

आखिर उसने सोचा किसी तरह वो खाना पानी तो कर ही रहा है। पर दिन भर क्या करे। खेती करना उसने छोड़ दिया था की जो सुखा ही है तो खेती करके क्या होगा । परन्तु फिर उसके दिमाग में एक बात आई की मैं किसान हूँ। सुखा हो या कुछ भी अब रहना तो मुझे अपने गाँव में ही है। मैं अपनी पूरी मेहनत से खेती करूँगा। अब चाहे अनाज उपजे या न उपजे ।

पूरी मेहनत से और खुशी मन से वो खेती करने लगा। वो खुश था की वो अपना काम कर रहा है । एक दिन वो ऐसे ही खेती कर रहा था तो एक बादल वह से गुजरा। वो किसान को देख के रुका और पूछा उसने किसान से ” अरे किसान यह तो सुखा पड़ा है और न ही यह बारिश होने वाली । क्यों मरना चाहते हो।

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बादल की बात पर किसान बोला । न हो बारिश, कोई बात नहीं।  मैं तो खेत इसलिए जोतता हूं कि क्योंकि मुझे इनसे प्यार है । खेती करना मेरा काम है। मैं सूखे के कारण अपना काम तो नहीं छोड़ सकता । अपना अपना काम क्यों छोडू । मैं अपना गाँव क्यों छोडू । किसान की बात सुनकर बादल हैरान हो गया और सोचने लगा अगर ये किसान होकर अपना काम नहीं छोड़ रहा तो में बादल होकर बरसना क्यों छोडू ।और देखते देखते उसने झमाझम बरसना शुरू कर दिया।

इस प्रकार किसान के अपने काम के प्रति प्रेम और समर्पण ने सूखे को भी हरा दिया । ऐसे ही दोस्तों हम भी अगर अपने काम में पूरा प्रेम और समर्पण से लग गए तो चाहे कितनी भी विषम पारिस्थिती क्यों ना हो हमे सफलता जरुर मिलती है। अपना कर्म करते रहो – हिंदी कहानी को शेयर जरुर करें।

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